न्यूयॉर्क, 27 अप्रैल 2025 — उम्र बढ़ने के साथ पेट के आसपास बढ़ती चर्बी के पीछे का रहस्य आखिरकार वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक नई स्टडी में बताया है कि उम्र के साथ शरीर में कुछ विशेष प्रकार की स्टेम कोशिकाओं का विकास होता है, जो अतिरिक्त वसा कोशिकाओं के निर्माण को तेज कर देती हैं। यह शोध प्रतिष्ठित "साइंस" जर्नल में प्रकाशित हुआ है, और इसके निष्कर्ष भविष्य में मोटापे से निपटने के लिए नई चिकित्सीय तकनीकों के विकास का रास्ता खोल सकते हैं।
सिटी ऑफ होप के वैज्ञानिकों की बड़ी खोजइस शोध का नेतृत्व अमेरिका के "सिटी ऑफ होप" संस्थान की आर्थर रिग्स डायबिटीज एंड मेटाबॉलिज्म रिसर्च इंस्टीट्यूट की एसोसिएट प्रोफेसर किओंग (एनाबेल) वांग ने किया। उन्होंने कहा,
"जैसे-जैसे लोग उम्रदराज होते हैं, मांसपेशियों का क्षय होता है और शरीर में वसा की मात्रा बढ़ने लगती है, भले ही कुल वजन स्थिर रहे।"
वांग और उनकी टीम ने इस परिवर्तन के पीछे मौजूद कोशिकीय बदलावों का विश्लेषण किया और पाया कि उम्र के साथ एक नई किस्म की वयस्क स्टेम कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं, जो पेट के आसपास अतिरिक्त चर्बी कोशिकाओं का निर्माण करती हैं।
कैसे हुई खोज?शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में मुख्य रूप से व्हाइट एडिपोज टिशू (WAT) पर ध्यान केंद्रित किया, जो शरीर में ऊर्जा संग्रह करने वाला मुख्य वसा ऊतक है।
सामान्यतः माना जाता है कि उम्र बढ़ने के साथ वसा कोशिकाएं केवल आकार में बढ़ती हैं। लेकिन इस शोध ने यह साबित किया कि वास्तव में वसा कोशिकाओं की संख्या भी बढ़ती है, जिसका अर्थ है कि पेट की चर्बी बढ़ने की कोई सीमा नहीं होती।
टीम ने एडिपोसाइट प्रोजेनिटर कोशिकाएं (APCs) — WAT में मौजूद स्टेम कोशिकाओं का विश्लेषण किया। उन्होंने युवा और वृद्ध चूहों से ये APCs लेकर एक प्रयोग किया। जब वृद्ध चूहों की कोशिकाएं युवा चूहों में प्रत्यारोपित की गईं, तो उन्होंने तेजी से नई वसा कोशिकाओं का उत्पादन शुरू कर दिया।
इसके विपरीत, जब युवा चूहों की APCs को वृद्ध चूहों में डाला गया, तो नई वसा कोशिकाओं का निर्माण कम देखने को मिला। इससे यह सिद्ध हुआ कि बढ़ती उम्र के साथ APCs स्वयं में परिवर्तन करती हैं, जिससे वे अधिक वसा कोशिकाएं उत्पन्न करती हैं।
मोटापे से लड़ने में नई उम्मीदइस रिसर्च के निष्कर्ष स्पष्ट करते हैं कि उम्र से जुड़ी चर्बी को सिर्फ डाइट या एक्सरसाइज से नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। भविष्य में यदि वैज्ञानिक इन विशेष स्टेम कोशिकाओं के निर्माण या उनकी गतिविधि को नियंत्रित करने का तरीका विकसित कर पाते हैं, तो उम्र से जुड़ी मोटापे की समस्या को प्रभावी ढंग से रोका जा सकेगा।
किओंग वांग का कहना है,
"अगर हम इन कोशिकाओं के बढ़ते प्रभाव को सीमित कर सकें, तो हम न केवल पेट की चर्बी को घटा सकते हैं बल्कि जीवनकाल को भी स्वस्थ बना सकते हैं।"
यह अध्ययन उन लोगों के लिए बड़ी खबर है जो उम्र बढ़ने के साथ वजन और पेट की चर्बी को लेकर परेशान रहते हैं। अब जब कोशिकीय कारणों की पहचान हो गई है, तो भविष्य में इससे जुड़ी चिकित्सा पद्धतियों में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
You may also like
पाकिस्तानी किसानों का भविष्य खतरे में! सिंधु जल संधि रद्द से खरीफ सीजन में किसानों को 21% पानी की कमी का लगेगा झटका
पाकिस्तान नहीं आ रहा बाज, जम्मू-कश्मीर में फिर तोड़ा संघर्ष विराम, भारत के 244 जिलों में कल नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास
चलती टैक्सी से 2.66 करोड़ रुपये की लूट, कोलकाता में विदेशी मुद्रा कंपनी के कर्मचारियों से हथियार दिखाकर लूटपाट
मुर्शिदाबाद हिंसा में पति और बेटे को खो चुकी महिलाओं की गुहार पर राष्ट्रीय महिला आयोग सख्त, पुलिस अधिकारियों को किया तलब
आचार्य चाणक्य की 5 शिक्षाएं जो दुख को दूर रख सकती हैं